



आगरा, करणी सेना द्वारा आगरा के कुबेरपुर मैदान में आयोजित ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। सम्मेलन में शामिल कार्यकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी में जमकर नारेबाजी की और तलवारें व डंडे लहराए।
घटना के दौरान क्षत्रिय समाज के लोगों ने पुलिस के सामने शक्ति प्रदर्शन किया, जिस पर कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इसी बीच करणी सेना के नाराज कार्यकर्ता ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को गोली मारने की भी बात कही।
हंगामे के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन भीड़ के आक्रोश को देखकर वह कोई सख्त कदम उठाने से बचती रही। सूत्रों के अनुसार, पुलिस के पहुंचते ही कार्यकर्ता उग्र हो गए और समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। स्थिति के बिगड़ते देख पुलिस को पीछे हटना पड़ा। एडिशनल कमिश्नर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन भारी भीड़ को देखते हुए उन्हें भी लौटना पड़ा। फिलहाल किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है।
राणा सांगा की जयंती पर आयोजन
यह सम्मेलन राणा सांगा की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था, जिसमें करणी सेना ने पहले ही बड़ी भागीदारी की घोषणा की थी। सम्मेलन में लगभग तीन लाख लोगों के पहुंचने की संभावना जताई गई थी और भारी संख्या में लोग उपस्थित भी रहे।
हंगामे की जड़ समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन का एक बयान है, जिसमें उन्होंने संसद में राणा सांगा को “गद्दार” बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राणा सांगा ने बाबर को भारत बुलाया था ताकि वह इब्राहिम लोदी को हराने में मदद कर सके। इस बयान को लेकर करणी सेना और क्षत्रिय समाज में भारी आक्रोश है। इस बयान के बाद 26 मार्च को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सपा सांसद के आवास पर हमला भी किया था और वहां तोड़फोड़ की थी। अब इसी विरोध के चलते सम्मेलन में भी आक्रोश देखने को मिला।