फेसबुक पेज या अन्य प्लेटफॉर्म पर होने वाली भड़काऊ पोस्ट के लिए मीडिया संस्थान जिम्मेदार, ऑस्ट्रेलिया कोर्ट

कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को निर्णय सुनाया कि किसी मीडिया संस्थान के फेसबुक पेज या अन्य प्लेटफॉर्म पर होने वाली टिप्पणियों के लिए यही संस्थान जिम्मेदार होंगे।

वजह बताई, कि संस्थानों ने ही यूजर्स को वे प्लेटफॉर्म मुहैया करवाए, जहां अपमानजनक टिप्पणियां हुईं। संस्थानों को ही इन टिप्पणियों का प्रकाशक माना जाएगा। हाईकोर्ट ने यह फैसला ऑस्ट्रेलिया के मीडिया संस्थानों की याचिका को जजों के 5-2 के बहुमत निर्णय से रद्द करते हुए दिया।

यह याचिका फेयरफैक्स मीडिया पब्लिकेशन, नेशनल वाइड न्यूज, ऑस्ट्रेलियन न्यूज चैनल आदि ने निचली अदालतों के एक मामले में निर्णय के खिलाफ दायर की थी।

मामला एक नाबालिग अपचारी से जुड़ा है, जिसे कानून विरुद्ध गतिविधियों के लिए 11 साल की उम्र से ही कई बार सुधार गृहों में भेजा गया। यहां भी वह 200 बार विभिन्न गैर-कानूनी कार्यों में लिप्त मिला।

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड, सेंट्रल एडवोकेट, द ऑस्ट्रेलियन, द स्काय न्यूज, द बोल्ट रिपोर्ट आदि ने उसकी खबरें प्रकाशित की। इन्हें अपने फेसबुक पेज पर भी पोस्ट किया, जहां यूजर्स ने अपचारी के खिलाफ कई भड़काऊ व अपमानजनक टिप्पणियां कीं। इस पर उसने 2017 में न्यू साउथ वेल्स की राज्य सुप्रीम कोर्ट में मानहानि का मुकदमा किया।

वहीं नया प्रश्न उठा कि मीडिया कंपनियों के प्लेटफॉर्म, जैसे फेसबुक पर हुई टिप्पणियों के लिए किसे जिम्मेदार माना जाए? निचली अदालतों ने मीडिया संस्थानों को ही जिम्मेदार माना। ताजा आदेश में उनसे सहमति जताते हुए हाईकोर्ट ने भी कहा कि मीडिया कंपनियों को इन कमेंट्स की जानकारी होती है। वे इन्हें प्रसारित भी करते हैं। इनका प्रकाशक भी इन्हें ही माना जाए।

इस आदेश के आधार पर ऑस्ट्रेलिया में अब हर संस्थान व व्यक्ति को उन टिप्पणियों के लिए जिम्मेदार माना जाएगा जो उसके बनाए प्लेटफॉर्म पर हुई हैं। भले ही वे टिप्पणियों से अनजान हों। ऑस्ट्रेलिया न्यूज कॉर्प के अध्यक्ष माइकल मिलर ने इस आदेश ने कानूनों में सुधार की जरूरत बताई है।

Related Posts