मोदी सरकार को नही पता कि पिछले 10 वर्षों में स्विस बैंक में कितना काला धन जमा हुआ

नई दिल्ली, लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने लिखित जवाब में कहा कि स्विस बैंक में पिछले 10 वर्षों से काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। पंकज चौधरी पिछले दस वर्षों से स्विस बैंक में जमा काले धन की राशि और इसे वापस पाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। चौधरी ने कहा कि सरकार ने हाल के वर्षों में विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें काला धन एवं कर अधिरोपण कानून को प्रभावी बनाना, एसआईटी का गठन करना आदि शामिल है।

उन्होंने कहा कि इस साल 31 मई तक काला धन अधिनियम, 2015 की धारा 10(3)/10(4) के तहत 66 मामलों में निर्धारण आदेश जारी किये गये हैं जिसमें 8,216 करोड़ रुपये की मांग की गयी है।उन्होंने कहा कि एचएसबीसी मामलों में लगभग 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को कर के अधीन लाया गया है और 1,294 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आईसीआईजे (खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संघ) मामलों में लगभग 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।

चौधरी ने कहा कि पनामा पेपर्स लीक मामलों में 20,078 करोड़ रुपये (लगभग) के अघोषित जमाधन का पता चला है। वहीं पेराडाइज पेपर्स लीक मामलों में लगभग 246 करोड़ रुपये के अघोषित जमाधन का पता चला है। स्विस बैंक में पिछले 10 वर्षों में कितना काला धन छिपाया गया, कोई अनुमान नहीं- वित्त मंत्रालय

लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने लिखित जवाब में कहा कि स्विस बैंक में पिछले 10 वर्षों से काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। पंकज चौधरी पिछले दस वर्षों से स्विस बैंक में जमा काले धन की राशि और इसे वापस पाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। चौधरी ने कहा कि सरकार ने हाल के वर्षों में विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें काला धन एवं कर अधिरोपण कानून को प्रभावी बनाना, एसआईटी का गठन करना आदि शामिल है।

चौधरी ने कहा कि पनामा पेपर्स लीक मामलों में 20,078 करोड़ रुपये (लगभग) के अघोषित जमाधन का पता चला है। वहीं पेराडाइज पेपर्स लीक मामलों में लगभग 246 करोड़ रुपये के अघोषित जमाधन का पता चला है। गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने स्विस बैंक में कालेधन का मुद्दा उठाया था और इसको मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया था। सरकार में आने के बाद बीजेपी ने विदेशों से काला धन वापस लाने के लिए सबसे पहले एसआईटी का गठन किया था।

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