आज से शुरु हो रहे उत्तर प्रदेश विधान मंडल के मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान मंडल का मानसून सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद मंगलवार से शुरू होने जा रहे इस सत्र में विपक्ष कोविड प्रबंधन को लेकर सरकार पर हमलावर रहेगा। पंचायत चुनाव के तौर तरीकों पर सरकार को घेरेगा। महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मसले, छुट्टा पशुओं की समस्या और कानून व्यवस्था के मुद्दों को सरकार के खिलाफ अस्त्र की तरह इस्तेमाल करेगा। विधानमंडल सत्र 17 से 24 अगस्त तक प्रस्तावित है।

मानसून सत्र के दौरान विधानसभा की कार्यवाही को सुचारु तरीके से संचालित करने के उद्देश्य से सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में विधान भवन में सर्वदलीय बैठक हुई।

बैठक में विधान सभा अध्यक्ष ने सभी दलीय नेताओं से सदन के सुचारु संचालन में सहयोग देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि तार्किक, तथ्यपरक और गुणवत्तापूर्ण संवाद से जनसमस्याओं का सार्थक समाधान किया जा सकता है। सभी के सहयोग से सदन के सुचारु संचालन का सकारात्मक संदेश जाएगा।

मुख्यमंत्री तथा नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने सत्र के सुचारु संचालन में सत्ता पक्ष की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा के लिए सरकार पूरी गंभीरता और विश्वास के साथ सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। नियमों के तहत उठाए जाने वाले जनकल्याणकारी मुद्दों पर सरकार सार्थक वार्ता करते हुए सभी सदस्यों के अनुभवों का लाभ उठाएगी। उन्होंने विपक्षी दलों से सदन की उच्च गरिमा और मर्यादा को बनाए रखते हुए गंभीर चर्चा को आगे बढ़ाने में सहयोग की अपेक्षा की।

विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि वे भी सदन में सार्थक बहस के पक्षधर हैं, लेकिन सदन का सुचारु संचालन सिर्फ विपक्ष की जिम्मेदारी नहीं है। विपक्षी दल सदन में अपनी बात नियम कायदे के तहत ही रखते हैं लेकिन सरकार को भी आलोचना सुनने का हौसला दिखाना चाहिए। सभी ने सदन के सुचारु संचालन का आश्वासन दिया। नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी की अनुपस्थिति में बैठक में सपा की ओर से नरेंद्र वर्मा, बसपा नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर और अपना दल (एस) की लीना तिवारी मौजूद थीं।

विधान सभा अध्यक्ष ने दलीय नेताओं को बताया कि सदन की कार्यवाही कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति नियंत्रित है लेकिन अभी इससे छुटकारा नहीं मिला है। राज्य सरकार ने कोरोना को नियंत्रित करने और इससे बचाव के सभी उपाय किये हैं। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कोविड प्रोटोकाल के तहत सदन में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था पिछले सत्र की तरह ही होगी।

सर्वदलीय बैठक से पहले विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई जिसमें विधानसभा के संशोधित कार्यक्रम पर मुहर लगी। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार 17 अगस्त को शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी। 18 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। 19 अगस्त को अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद उसे पारित कराया जाएगा। 20 अगस्त को मुहर्रम का अवकाश रहेगा। 21 व 22 अगस्त को शनिवार, रविवार होने के कारण सदन की बैठक नहीं होगी। 23 और 24 अगस्त को विधायी कार्य होंगे।

शीतकालीन सत्र के बाद से अब तक एक राज्य मंत्री समेत भाजपा के छह विधायक दिवंगत हो चुके हैं। इनमें राजस्व राज्य मंत्री और चरथावल (मुजफ्फरनगर) के विधायक रहे विजय कश्यप, लखनऊ पश्चिम के विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव, सलोन (रायबरेली) के विधायक दल बहादुर कोरी, नवाबगंज (बरेली) के विधायक केसर सिंह, औरैया के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर की मृत्यु कोरोना संक्रमण के कारण हुई जबकि अमापुर (कासगंज) के विधायक रहे देवेंद्र प्रताप सिंह का निधन हार्ट अटैक से हुआ।

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