नई दिल्ली, जब एक ओर इजराइल सुरक्षा मोर्चे पर हमास के विरुद्ध सतर्कता बनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर देश एक नए प्राकृतिक संकट की चपेट में आ गया है। यरुशलम के पश्चिमी इलाके में फैली भीषण जंगल की आग ने पूरे इजराइल को हिला कर रख दिया है।
स्वतंत्रता दिवस और मेमोरियल डे जैसे अहम राष्ट्रीय मौके पर ये आग न केवल मानवीय त्रासदी की आशंका लेकर आई, बल्कि इसने इजराइल की आपातकालीन तैयारी को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
रूट 1 हाईवे बंद, छह शहर खाली
तेजी से फैलती आग ने तेल अवीव और यरुशलम को जोड़ने वाले देश के सबसे व्यस्त राजमार्ग – रूट 1 – को अपनी चपेट में ले लिया। इसके चलते इस अहम मार्ग को बंद करना पड़ा। छह से अधिक शहरों को खाली कराना पड़ा, और हजारों नागरिकों को अपने घर छोड़ने पड़े। प्रशासन ने इलाके में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। यातायात बाधित होने से राहत कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
120 दमकल टीमें, 12 विमान तैनात
इजराइल की अग्निशमन एवं बचाव एजेंसी ने बताया कि आग बुझाने के लिए देशभर से 120 दमकल टीमें और 12 विशेष अग्निशमन विमान भेजे गए हैं। हालांकि तेज हवाओं और सूखी जलवायु के चलते आग पर नियंत्रण पाना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। धुएं से दम घुटने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में लोग हाईवे पर धुएं के बीच भागते नजर आ रहे हैं।
सात घायल, एक की हालत गंभीर
अब तक सात लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि बाकी की स्थिति स्थिर है। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है यदि मौसम में सुधार नहीं हुआ।
प्राकृतिक हादसा या मानवीय लापरवाही?
विशेषज्ञों और स्थानीय पर्यावरण संस्थाओं का कहना है कि आग उसी इलाके में फैली है, जहां एक सप्ताह पहले भी आग लगी थी। यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह आग प्राकृतिक है या फिर मानवीय लापरवाही का परिणाम? कुछ पर्यावरणविदों का कहना है कि इलाके में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपाय नहीं थे, जबकि स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले की जांच करवा रहा है।
सरकार पर उठे सवाल
इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज़ ने प्रेस को संबोधित करते हुए इसे “राष्ट्रीय आपातकाल” घोषित किया और कहा कि “हम अपने सभी संसाधन झोंककर इस संकट से निपटेंगे।”