नई दिल्ली, आपको हाथ और पैर की नसें मकड़ी (Varicose Veins Symptoms) की तरह फूली हुई नीली या बैंगनी दिख रही हैं? अगर हां, तो आपको वैरिकोज वेन्स की समस्या हो सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत में हर चौथा व्यक्ति वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) की समस्या से पीड़ित है.
लेकिन लंबे समय तक इसकी अनदेखी आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है. बता दें कि इसका इलाज अब बिना (Varicose Veins Treatment) चीर फाड़ यानी बगैर सर्जरी के भी संभव है.
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बता दें कि देश के प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसका प्रभावी उपचार बिना किसी चीर-फाड़ वाली प्रक्रिया से भी संभव है और यह प्रगति ग्रामीण क्षेत्रों तक उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में भी सहायक साबित हो रही है. हाल ही में एविस हॉस्पिटल्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में (जिसमें भारत से 100 से अधिक चिकित्सा पेशेवरों और ब्राजील के विशेषज्ञों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया) लेजर उपचार और अन्य गैर-सर्जिकल तरीकों पर बात हुई. इसका नेतृत्व कर रहे वैस्कुलर इंटरवेंशनल विशेषज्ञ डॉ. राजा वी. कोप्पला ने बताया कि पिछले 8 सालों में लगभग 40,000 मरीजों का सफलतापूर्वक गैर-सर्जिकल उपचार किया गया.
वैरिकोज वेन्स के इलाज के लिए लेजर और एंडोवैस्कुलर प्रक्रियाएं दर्दरहित और सुविधाजनक विकल्प हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक एंडोवैस्कुलर प्रक्रियाओं ने इलाज को सरल बना दिया है, जो कि अब डे-केयर की सुविधा में किया जा सकता है. कार्यक्रम में मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनियों ने अपने अत्याधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन किया, जो वैरिकोज वेन्स के इलाज को ज्यादा अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने में मदद कर सकते हैं.
भारत में वैरिकोज वेन्स का गैर-सर्जिकल इलाज धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है और जैसे-जैसे स्वास्थ्य सेवाओं में नई तकनीकों का समावेश हो रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि चिकित्सा पेशेवरों के लिए जरूरी है कि वे इन नवीन विधियों को अपनाएं और रोगियों को बेहतर उपचार प्रदान करें.