भाजपा चाहे कितनी भी बैठकें कर ले पर अब जनता इन्हें उठाकर और हटाकर ही दम लेगी : अखिलेश यादव

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी आलाकमान द्वारा राज्य के सभी सांसदों को बैठक के लिए दिल्ली बुलाए जाने पर तंज किया है। उन्होंने सूबे की स्थिति को लेकर कटाक्ष भी किया।

अखिलेश ने बुधवार को ट्वीट किया- भाजपा आज अपने उत्तर प्रदेश के सांसदों से राज्य की दुर्दशा और दुर्गति का हाल दिल्ली बुलाकर पूछ रही है, इससे पता चलता है कि दिल्ली तथा लखनऊ में कितनी दूरी है। उन्होंने इसी ट्वीट में कहा- भाजपा चाहे कितनी भी बैठकें कर ले पर अब जनता इन्हें उठाकर और हटाकर ही दम लेगी। आकलन बाद में और झूठी तारीफ पहले, वाह रे भाजपा।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश के अपने सभी पार्टी सांसदों को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है।

बुधवार और बृहस्पतिवार को होने वाली इन बैठकों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत अनेक वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

वैसे भी यूपी चुनाव से पहले ही भाजपा की अंदरूनी खींचतान लंबे समय से दिख रही है। इससे पहले सीएम योगी को दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाकर जताना पड़ा था कि वो वही करेंगे जो केंद्रीय नेतृत्व चाहेगा। यूपी बीजेपी में भी रस्साकसी साफ दिख रही थी।

हालांकि, पिछले कुछ समय में बीजेपी दिखा रही है कि भीतर सब कुछ सामान्य है। जो आलोचनाओं का दौर चल रहा था वो अब थमता दिख रहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नेतृत्व यूपी चुनाव को लेकर सशंकित है। यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार में यूपी को खास तरजीह दी गई तो अब सांसदों से सूबे का हाल दिल्ली बुलाकर लिया जा रहा है। यानि नाराजगी दूर करने की कवायद।

सूत्रों का मानना है कि बीजेपी सांसदों की शिकायत रही है कि प्रदेश का नेतृत्व उनकी सलाह को गंभीरता से नहीं लेता। कोरोना की दूसरी लहर में तो खुद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और के बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने खुले तौर पर अपनी नाराजगी जताई थी। मरीजों के लिए बेड न मिलने पर एक ने ट्वीट करके डिलीट कर दिया तो दूसरे ने सीएम को खुली चिट्ठी लिख डाली थी।

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