पीएनबी ने हाई वैल्यू चेकों का वेरिफिकेशन किया अनिवार्य , चार अप्रैल से व्यवस्था लागू

लखनऊ, बैंक उपभोक्ताओं को हाई वैल्यू चेकों में धोखाधड़ी से बचाने के लिए पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने अप्रैल 4, 2022 से 10 लाख रुपए और अधिक के चेकों के लिए पाज़िटिव पे सिस्टम (पीपीएस) को अनिवार्य कर दिया है।
नैशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित पाजिटिव पे सिस्टम (पीपीएस) के तहत ही वैल्यू चेक जारी करने वाले उपभोक्ताओं को कुछ जरुरी विवरण को पुनर्सत्यापित करना होता है जिसे भुगतान के लिए क्लीयरिंग में पेश करने से पहले क्रासचेक किया जाता है।

पीपीएस के तहत हाई वैल्यू चेकों की क्लीयरिंग के लिए पीएनबी, ग्राहकों को अपने विवरण जैसे खाता संख्या, चेक नंबर, चेक अल्फा कोड, जारी करने की तिथि, राशि व लाभार्थी का नाम आदि को साझा करना होगा। यह विवरण चेक को क्लीयरिंग के लिए प्रस्तुत करने से कम से कम 24 घंटे पहले साझा करना होगा। ग्राहक अपने विवरण इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एसएमएस बैंकिंग या अपनी बैंक शाखा में निर्धारित प्रारुप पर साझा कर सकते हैं।

 

केवल पीपीएस में पंजीकृत चेकों को ही विवाद निस्तारण प्रणाली के तहत स्वीकृत किया जाएगा।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) के निर्देशों के अनुसार पीएनबी ने जनवरी 1, 2021 से सीटीएस क्लीयरिंग में प्रस्तुत होने वाले 50000 रुपये व अधिक के चेकों के लिए पीपीएस की शुरुआत की थी जिसे अब 10 लाख रुपये व अधिक के लिए आज से अनिवार्य कर दिया गया है।

रिजर्व बैंक ने अनुशंसा की थी कि जहां इस सुविधा का लाभ उठाना खाताधारकों के लिए एच्छिक है वहीं बैंक इसे 5 लाख रुपये व अधिक मूल्य के चेकों के लिए अनिवार्य करने पर विचार कर सकते हैं।

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