बिजली उपभोक्ताओं को राहत, पावर कार्पोरेशन के निदेशक ने कहा! सहमति फार्म भरवाने के बाद भार वृद्धि की जाए

प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बिजली कार्मिकों खासकर मीटर रीडर और चेकिंग टीम को निर्देश दिए हैं कि जांच में यदि उपभोक्ता के कनेक्शन पर स्वीकृत भार से अधिक मांग पाई जाती है तो भार वृद्धि के लिए उपभोक्ता की सहमति प्राप्त करें।

भार वृद्धि के लिए उनसे सहमति फार्म भरवाने के बाद भार वृद्धि की जाए। पावर कारपोरेशन के निदेशक (वाणिज्य) अमित कुमार श्रीवास्तव ने इस आशय का आदेश जारी किया है। निदेशक (वाणिज्य) पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल व केस्को को इसके लिए पत्र लिखा है। जिसमें विद्युत वितरण खंडों में राजस्व वृद्धि के लिए हुई समीक्षा बैठक में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष गोयल द्वारा उपभोक्ताओं के कनेक्शन की भार वृद्धि के संबंध में दिए गए निर्देशों का हवाला दिया है।

निर्देश दिया गया है कि चेकिंग अथवा मीटर रीडिंग करते समय यदि बिजली की मांग स्वीकृत भार से अधिक पाई जाती है तो उपभोक्ता से सहमति (कंसेंट) फार्म भरवा कर लाया जाए। जिसके आधार पर सिस्टम में तत्काल भार वृद्धि की जाए। मीटर उपलब्ध होने पर पांच किलोवाट से अधिक भार वाले संयोजनों के एक फेज मीटर को तीन फेज मीटर से तत्काल बदल दिया जाए। मीटर लगाने वाले टीजी-टू और संविदाकर्मी को चेताया गया है कि यदि मीटर लगाने के छह महीने के अंदर लूट कनेक्शन के कारण टर्मिनल प्लेट जल जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष गोयल का कहना है कि विभागीय अधिकारी मीटर रीडर के साथ उपभोक्ताओं के घर जा रहे हैं। जांच के दौरान जहां भी स्वीकृत भार से अधिक की मांग दिख रही है वहां पर उपभोक्ता की सहमति लेकर भार वृद्धि की कार्यवाही की जा रही है। लोड नहीं बढ़ाने पर लगने वाली पेनाल्टी की जानकारी मिलने पर उपभोक्ता सहज रूप से अपनी सहमति देने लगे हैं। वहीं जिन उपभोक्ताओं का बिल लगातार पिछले तीन महीने तक स्वीकृत भार से अधिक आ रहा है उन्हें नोटिस देते हुए भार बढ़ाया जा रहा है। 400 मेगावाट से अधिक भार वृद्धि की जा चुकी है।

चेयरमैन का कहना है कि स्वीकृत मांग के मुताबिक कनेक्शन का भार हो जाने से बिजली वितरण व्यवस्था को अपग्रेड करने की कार्यवाही की जाएगी। जहां पर लोड अधिक होगा वहां अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर लगेंगे। केबिल खराब या जर्जर पाए जाने पर उसे तत्काल बदला जाएगा। ऐसा होने पर अनावश्यक फाल्ट से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

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