कनाडा में बदल गए हैं नियम, जानिए भारतीय छात्रों पर क्या पड़ेगा असर

नई दिल्ली, कनाडा सरकार ने छात्रों के लिए एक नया फरमान जारी किया है. दरअसल, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक नया नियम बनाया है. जो सितंबर से लागू किया जाएगा.

इस नियम के तहत अब अंतरराष्ट्रीय छात्र हफ्ते में केवल 24 घंटे ही कॉलेज कैंपस से बाहर जाकर काम कर सकेंगे. इससे पहले तक अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 20 घंटे से अधिक समय तक कैंपस से बाहर काम करने की अनुमति थी, लेकिन ये अस्थायी नीति 30 अप्रैल को खत्म कर दी गई.

कनाडा के नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने बताया कि हम कैंपस से बाहर काम करने की समय सीमा को हफ्ते में केवल 24 घंटे कर रहे हैं. सितंबर से 24 घंटे तक ही अंतरराष्ट्रीय छात्र कैंपस से बाहर जाकर काम कर सकेंगे. जो छात्र कनाडा आते हैं, उन्हें पढ़ने के लिए अवश्य आना चाहिए, वे पढ़ाई पर फोकस कर सकें, इसलिए ऐसा किया जा रहा है. छात्रों को प्रति सप्ताह 24 घंटे तक काम करने की अनुमति देने से यह कि वे मुख्य रूप से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगे. यदि जरूरी होगा तो काम का विकल्प भी उनके पास रहेगा. उन्होंने कहा कि कैंपस से बाहर काम करने से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वर्क एक्सपीरियंस मिलेगा. साथ ही कुछ खर्चों की भरपाई करने में भी मदद मिलती है.

दअरसल, कोरोना के दौरान 20 घंटे काम करने की अस्थायी अनुमति दी गई थी. अब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी की सरकार ने 20 घंटे की सीमा को खत्म कर दिया था. ये छूट मंगलवार को समाप्त हो गई. कनाडा भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक है. कनाडाई ब्यूरो की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में 3,19,130 भारतीय छात्र थे. यहां के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों की संख्या सबसे अधिक है.

मिलर ने कहा कि कैंपस से बाहर काम करने से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वर्क एक्सपीरियंस मिलता है. साथ ही कुछ खर्चों की भरपाई करने में भी मदद मिलती है. हम चाहते हैं कि वे यहां रहने के लिए तैयार रहें और सफल होकर जाएं. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि छात्र के रूप में कनाडा आने वाले लोगों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, काम करने पर नहीं.

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