सामने आया सहारा जमीन घोटाला, हॉस्पिटल को जमीन देने में एक अरब से अधिक का हेर फेर, जांच में खुलासा

लखनऊ, सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट को सहारा हॉस्पिटल के निर्माण के लिए जमीन देने में बड़ा घोटाला किया गया था। एलडीए के तत्कालीन अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने मिलकर यह घोटाला किया। प्राधिकरण उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने जांच कराई तो पता चला कि उस समय जमीन की जो कीमत थी अधिकारियों ने उससे कम में सहारा को दे दी।

वर्तमान में गणना करने पर एक अरब छह करोड रुपए की देनदारी निकली है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 15 फरवरी को सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट लिमिटेड को यह रकम जमा करने की नोटिस जारी कर दी है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सहारा हॉस्पिटल के निर्माण के लिए सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट लिमिटेड को विराज खंड एक में 91490.25 वर्ग मीटर जमीन लीज पर दी थी। इसका रकबा 17482. 03 वर्ग मीटर है। एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी को हाल ही में इसके बारे में जानकारी हुई। जिसके बाद उन्होंने सचिव की अध्यक्षता में जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई। कमेटी ने जांच कर 15 फरवरी को अपनी रिपोर्ट उपाध्यक्ष को दी। कमेटी को जांच में पता चला कि इसमें बड़ा घोटाला किया गया है। पत्रावली के परीक्षण से पता चला कि उस समय विपुल खंड की दर 1600 रुपए प्रति वर्ग मीटर को आधार मानकर अपडेट करते हुए 1815 रुपए पर 10% बलकेज छूट देते हुए इस भूखंड की धनराशि जमा कराई गई थी।

एलडीए को जांच में पता चला कि उस समय विपुलखंड की दर 2050 रुपए प्रति वर्ग मीटर थी। जिसे अपडेट करने पर 2325.46 रुपए प्रति वर्ग मीटर हुआ। इस तरह अंतर की धनराशि 510.46 रुपए प्रति वर्ग मीटर हुई। इसमें से 10% बलकेज छूट घटाने के बाद शुद्ध रूप से 459.42 रुपए प्रति वर्ग मीटर धनराशि कम जमा कराई गई। वर्तमान में सर्किल रेट 49500 रुपए प्रति वर्ग मीटर के अनुसार अंतर की धनराशि प्रति वर्ग मीटर रुपया 9779.14 रुपए होती है। इस तरह आवंटित भूखंड के प्रति देय धनराशि वर्तमान दर के हिसाब से एक अरब छह करोड़ 56 लाख 50 हजार 182 रुपए कम जमा की गई। एलडीए उपाध्यक्ष ने 15 फरवरी 2024 को ही इस संबंध में सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट लिमिटेड को नोटिस जारी कर दी है। उन्हें 31 मार्च 2024 तक यह रकम जमा करने को कहा गया है। इसके अलावा 10% लीज रेंट भी उसे जमा करना होगा। जो लगभग 10 करोड़ 65 लाख 65 हजार 519 रुपए है। इस तरह सहारा हॉस्पिटल को कुल एक अरब 17 करोड़ रुपए जमा करने होंगे।

एलडीए ने लिखा है कि प्राधिकरण कर्मचारियों, अधिकारियों ने मिलीभगत तथा दुरभिसंधि करके प्राधिकरण को क्षति पहुंचाई। साथ ही सहारा हॉस्पिटल को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर धनराशि कम जमा कराई। जांच में एलडीए के एक रिटायर्ड कंप्यूटर एनालिस्ट का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि इस अधिकारी ने ही सहारा की जमीन की कीमत कम लगाई।

सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट लिमिटेड ने अपने इस अस्पताल को मेसर्स स्टारलीट मेडिकल सेंटर प्राइवेट लिमिटेड नोएडा ( मैक्स हॉस्पिटल) को बेच दिया है। सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट ने इसकी लीज डीड मैक्स हॉस्पिटल को ट्रांसफर करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा था। उसने एलडीए को 15 दिसंबर, 22 दिसंबर 2023 तथा एक जनवरी 2024 को लीज ट्रांसफर करने के लिए पत्र लिखा। इसके बाद उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने इसकी फाइल निकलवाई। जांच के लिए कमेटी बनाई। कमेटी की जांच में इस घोटाले का खुलासा हुआ है।

एलडीए उपाध्यक्ष डा. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि सहारा इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट के सहारा हॉस्पिटल की जमीन की फाइल की जांच कराई गई। इसमें तत्कालीन अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने मिलीभगत व दुरभि संधि कर बड़ा घोटाला किया। एक अरब छह करोड रुपए का घोटाला किया गया है। 10 करोड़ 65 लाख रुपए लीज भी नहीं जमा की गई है। सहारा को यह रकम जमा करने की नोटिस दे दी गई है। प्राधिकरण के जो अधिकारी व कर्मचारी इस घोटाले में शामिल रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार हो रही है।

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