सऊदी अरब को तालिबान से अच्छे शासन की उम्मीद, अफगानिस्तान की करते रहेंगे मदद

काबुल, अफगानिस्तान पर ताबिलान के कब्जे के बाद पहली बार सऊदी अरब की तरफ से अफगान संकट पर बयान आया है. सऊदी अरब ने कहा है कि देश को तालिबान की सरकार से उम्मीद है कि तालिबान की सरकार एक ऐसे शासन की स्थापना करेगी, जो देश को शांति और स्थिरता की तरफ ले जाएगा.
हालांकि, सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने इसका बिल्कुल जिक्र नहीं किया कि तालिबान के शासन को मान्यता देने को लेकर सरकार क्या सोच रही है. सऊदी की राजधानी रियाद में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि सऊदी अरब को उम्मीद है कि अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार का गठन ‘सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने के लिए सही दिशा में उठाया गया एक सही कदम होगा, जिससे देश में हिंसा, उग्रवाद को खत्म किया जा सके और अफगानिस्तान के लोगों की आकांक्षाओं के मुताबिक उनके लिए उज्जवल भविष्य के लिए काम हो सके’.

अफगानिस्तान पर 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद सऊदी अरब ने पुरी तरह से चुप्पी साध रखी थी. अब सऊदी अरब ने कहा कि देश में ‘विदेशी हस्तक्षेप’ बिल्कुल बंद होनी चाहिए. अफगानिस्तान के आम लोगों की राय लेकर ही अफगानिस्तान के भविष्य का फैसला करना चाहिए. सऊदी अरब ने कहा कि अफगानिस्तान में आम लोगों के द्वारा किए गये विकल्पों का सऊदी अरब समर्थन करेगा और वो चाहता है कि अफगानिस्तान में आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथी ताकतों पर काबू पाया जाए.

सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान और सभी पक्ष शांति और सुरक्षा के लिए काम करेंगे.’ प्रिंस फ़ैसल ने कहा, ‘सऊदी अरब उम्मीद करता है कि अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार सही दिशा में काम करेगी और लोगों को हिंसा, अतिवाद के मुक्ति दिलाएगी.’

सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा कि वे अफगानिस्तान की संप्रभुता का सम्मान करते हैं. प्रिंस फ़ैसल ने कहा कि उनका मुल्क अफगान जनता की मदद करना जारी रखेगा. सऊदी अरब अफगानिस्तान को संकट से निकालने में हर संभव मदद करेगा. प्रिंस फैसल ने यह बयान अफगानिस्तान पर आयोजित एक वर्चुअल बैठक में कही है.

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