बिजली दरों में कमी के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन से दो सप्ताह में जवाब मांगा

लखनऊ, बिजली दरों में कमी के लिए राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की ओर से दायर याचिका पर राज्य विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं की निकल रही 20596 करोड़ रुपये की देनदारी के एवज में बिजली दरों में कमी की याचिका दायर की है।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह से मिलकर याचिका पर जल्द निर्णय करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने पूर्व में दाखिल पुनर्विचार याचिका के क्रम में एक प्रस्ताव भी सौंपा। वर्मा ने आयोग के सदस्य कौशल किशोर शर्मा व विनोद कुमार श्रीवास्तव से भी इस मुद्दे पर चर्चा की। इसके बाद आयोग के सचिव संजय सिंह ने पावर कॉर्पोरेशन की रेगुलेटरी अफेयर यूनिट (आरएयू) के मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर उपभोक्ता परिषद की याचिका पर जवाब देने को कहा है।

बीते 2 अगस्त को वर्ष 2021-22 के लिए बिजली दरों के एलान के बाद उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं की निकल रही देनदारी के एवज में दरों में कमी के लिए आयोग में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। याचिका में मांग की गई है कि बिजली कंपनियों पर निकल रही देनदारी के एवज में प्रदेश के सभी 3 करोड़ उपभोक्ताओं की दरों में 34 प्रतिशत की कमी की जानी चाहिए। वर्मा ने बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए अगले पांच वर्षों तक हर साल 6.8 प्रतिशत की कमी का प्रस्ताव सौंपा है।

ये भी दिया सुझाव याचिका में कहा गया है कि अगर आयोग को लगता है की सभी उपभोक्ताओं की दरों में पांच वर्षों तक कमी करने में असुविधा है तो फिलहाल घरेलू शहरी, ग्रामीण व किसानों सहित छोटे दुकानदारों की दरों में कमी के लिए पुनर्विचार करना चाहिए।

वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर पावर कॉर्पोरेशन कोई अड़ंगा न लगा सके इसके लिए शनिवार को ऊर्जा मंत्री से मिलकर इस बाबत अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों ने आश्वस्त किया है कि पावर कॉर्पोरेशन का जवाब मिलने के बाद आयोग कार्यवाही करेगा।

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