नई दिल्ली, पतंजलि (Patanjali) के भ्रामक विज्ञापन वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रामदेव (Ramdev) को फटकार लगाई है. कोर्ट में पतंजलि की तरफ से कहा गया कि उन्होंने 67 अखबारों में विज्ञापन देकर माफीनामा छपवाया था.
इसमें 10 लाख रुपये का खर्चा आया. इस पर कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या ये माफीनामा उतने ही साइज के थे, जितने साइज के आपके पहले वाले विज्ञापन थे. कोर्ट ने ये भी पूछा कि क्या आप हमेशा इतने ही साइज का विज्ञापन छपवाते हैं. इस मामले में अब 30 अप्रैल को फिर से सुनवाई होनी है. इस सुनवाई में रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में हाजिर रहने को कहा गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामदेव के वकील ने जवाब में कहा कि माफीनामे का साइज विज्ञापनों जितना बड़ा नहीं था, क्योंकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है, लाखों में. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने रामदेव और बालकृष्ण से कई सवाल पूछे.
सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने कहा,
“हमें एक आवेदन मिला है. इसमें मांग की गई है कि पतंजलि के खिलाफ ऐसी याचिका दायर करने के लिए IMA पर 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए. ऐसा लगता है कि ये आपकी ओर से एक प्रॉक्सी याचिका है.”
इसके जवाब में रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस याचिका से उनका कोई लेना-देना नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को दायर करने वाले की बात सुनने दें फिर उस पर जुर्माना लगाया जाएगा.
जस्टिस कोहली ने आगे कहा कि माफीनामा वाले विज्ञापनों की कटिंग उन्हें भेजी जाए और उन्हें बड़ा करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा,
“हमें इसका असली साइज देखना है. ये हमारा निर्देश है. जब आप कोई एड छापते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि हम उसे माइक्रोस्कोप से देखेंगे. एड ऐसा छपा हो, जिसे पढ़ा भी जाना चाहिए.”
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण से आगे कहा कि अगले 2 दिनों के भीतर ऑन रिकॉर्ड माफीनामा जारी करें. इस माफीनामे में लिखा हो कि उन्होंने गलती की है.