तहसीलदार ने पत्नी के साथ मिल कर रची थी महिला कांस्टेबल की हत्या की साज़िश, अभी और हो सकती हैं गिरफ्तारियाँ

लखनऊ, पुलिस मुख्यालय में तैनात महिला आरक्षी रुचि सिंह की हत्या के आरोप में पुलिस ने रानीगंज तहसील में तैनात तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव व पत्नी को रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। मामले की जानकारी होने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।

जांच में यह सामने आया है कि महिला आरक्षी व तहसीलदार के बीच करीब पांच साल पहले फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई थी। धीरे-धीरे दोनों करीब आ गए। पति को तलाक देने के बाद महिला सिपाही तहसीलदार पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी।

लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में 17 फरवरी को महिला आरक्षी रुचि सिंह की लाश नाले में मिली थी। वह 13 फरवरी से गायब थी। गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस के अनुसार, रुचि की हत्या प्रेम प्रसंग में होने की बात सामने आई। मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालने व उसके परिवार के लोगों से पूछताछ के बाद लखनऊ पुलिस ने सोमवार की सुबह शहर स्थित ट्रांजिट हॉस्टल आवास से तहसीलदार रानीगंज पद्मेश श्रीवास्तव व उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।

रुचि के संबंध शादीशुदा तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से थे। उसने अपने पति को तलाक दे दिया था। कई महीने से रुचि तहसीलदार पद्मेश पर शादी का दबाव बनाते हुए धमका रही थी। मोबाइल पर मैसेज भेजते हुए ब्लेकमेल कर रही थी, जिससे तहसीलदार आजिज आ चुका था। पुलिस की छानबीन में यह बात भी सामने आई है कि तहसीलदार रानीगंज घटना के एक दिन पहले रुचि से मिलने लखनऊ गया था। वह एक दिन उसके साथ ठहरा भी था। दोनों के बीच पांच साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। रुचि की उसके फ्लैट में हत्या करने के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए नाले में फेंका गया था। शव फेंकने में प्रयोग वाहन को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। सीओ सिटी अभय पांडेय ने बताया कि लखनऊ पुलिस महिला आरक्षी की हत्या के आरोप में तहसीलदार व उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है।

तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव प्रतापगढ़ में तीन साल से पहले कौशाम्बी से स्थानांतरित होकर आया था। उसकी पहली तैनाती कुंडा तहसील में हुई थी। वहां कुछ दिनों तक रहने के बाद उसे लालगंज भेजा गया था। जनवरी 2021 में लालगंज से रानीगंज तहसील में तैनाती मिली थी। आरोपी तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव प्रयागराज का रहने वाला है।

पुलिस के अनुसार, महिला आरक्षी रुचि सिंह मूल रूप से बिजनौर के नजीबाबाद की रहने वाली थी। उसकी शादी जून 2019 में कांस्टेबल नीरज के साथ हुई थी। दिसंबर 2019 में रुचि भी पुलिस में भर्ती हो गई, लेकिन इससे पहले से ही प्रयागराज के पद्मेश श्रीवास्तव से उसका प्रेम चल रहा था। नौकरी पाने के बाद रुचि ने अपने पुराने प्रेम को उजागर कर दिया। इसके पहले उसने पति नीरज के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया। इसके बाद पद्मेश के कहने पर तलाक का केस फाइल कर दिया। कुछ महीने बाद ही दोनों का तलाक हो गया। रिश्ता टूटने के बाद पद्मेश और रुचि खुलकर मिलने-जुलने लगे। तहसीलदार पद्मेश ने रुचि का उसके पति से तलाक करवाया था।

महिला आरक्षी की हत्या के बाद छानबीन में जुटी लखनऊ पुलिस को पता चला है कि तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव के सरकारी आवास पर भी रुचि सिंह का आना-जाना था। चूंकि पद्मेश का परिवार प्रयागराज में रहता था। पद्मेश शादीशुदा होने के बावजूद रुचि से रिलेशनशिप में था। वह अक्सर रुचि से मिलने उसके गोमतीनगर विस्तार के सुलभ आवास में किराये के फ्लैट पर जाता था। यही नहीं, रुचि भी उसकी पत्नी बनकर प्रतापगढ़ में उसके सरकारी आवास पर कई दिनों तक रहती थी। पुलिस के अनुसार पद्मेश ने उसे भरोसा दिलाया था कि शादी करने के बाद लखनऊ में फ्लैट लेकर दोनों वहीं रहेंगे।

लखनऊ पुलिस के अनुसार, 13 फरवरी से लापता रुचि की कॉल डिटेल खंगाली गई तो पता चला कि आखिरी बार उसकी बात पद्मेश से हुई थी। घरवालों से संपर्क करने पर पता चला कि 12 फरवरी को पद्मेश रुचि से मिलने पहुंचा था। रविवार को पुलिस ने पद्मेश को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो पता चला कि 12 फरवरी की रात उसके साथ वह रुका था। रातभर उसे समझाने का प्रयास किया कि दोनों की शादी के लिए उसकी पत्नी राजी नहीं हो रही। रुचि अपनी जिद पर अड़ी रही। इसकी वजह से 13 फरवरी को तहसीलदार ने प्रतापगढ़ के रहने वाले एक बदमाश से रुचि सिंह का कत्ल करा दिया। तहसीलदार ने हत्या करने वाले युवक का कोई काम कराया था। घटना को छिपाने के लिए उसका शव नाले में फेंकवा दिया था।

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