लखनऊ, केजीएमयू में ऐसी तैयारी चल रही है कि मोर्चरी में हर शव का सिर न खोलना पड़े। सिर पर चोट न होने पर महज स्कैनर से ही काम चल जाए। पोस्टमार्टम हाउस के नए भवन में इसकी प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है।
किसी भी असामान्य मौत के मामले में शव का पोस्टमार्टम कानूनी प्रक्रिया है। इसमें डॉक्टर पूरा शरीर खोलते हैं। सिर भी अलग कर मौत के कारणों की पड़ताल की जाती है। कई बार मौत का कारण लगभग साफ होता है पर पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया करनी पड़ती है। चीर-फाड़ से शव की स्थिति खराब होती है। इस वजह से कई बार मृतक के घरवाले पोस्टमार्टम से परहेज करते हैं। इसके विकल्प के रूप में स्कैनर की व्यवस्था होती है।
शरीर पर किसी प्रकार की चोट न होने पर शव को स्कैन किया जाता है। जरूरत पड़ने पर ही सिर या अन्य अंग को खोला जाता है। केजीएमयू में बनाए गए नए मोर्चरी भवन में आधुनिक तरीके से पोस्टमार्टम की योजना बनाई गई है। इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है।
मशूहर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का पोस्टमार्टम भी इसी तकनीक से दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ था। इसमें बिना किसी चीर-फाड़ के सीटी स्कैन, एमआरआई मशीन और स्कैनर से कुछ समय में ही उनका पोस्टमार्टम हो गया था। उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई थी।