कोरोना से संक्रमित होने के बाद ब्रेन स्ट्रोक और उससे मौत होने का खतरा सबसे ज्यादा

नई दिल्ली, हाल में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद ब्रेन स्ट्रोक और उससे मौत होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. एम्स के आंकड़ों के मुताबिक ऐसे मरीज, जिन्हें कोविड संक्रमण के बाद ब्रेन स्ट्रोक हो गया था. उनमें ठीक होने की दर सिर्फ 34 फीसदी रह गई. दूसरी ओर जिन्हें कोरोना नहीं था लेकिन बाद में ब्रेन स्ट्रोक हो गया. उनके ठीक होने की दर 66 फीसदी तक पाई गई.

एम्स के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर रोहित भाटिया के मुताबिक देश के 18 शहरों के अलग-अलग अस्पतालों के आंकड़े स्टडी किए गए. पड़ताल में पाया गया कि कोरोना महामारी ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की ठीक होने की दर को कम कर देती है. स्टडी में कोरोना के शिकार ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की रिकवरी दर 34 फीसदी पाई गई. वहीं बिना कोरोना वाले ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में रिकवरी दर 66 फीसदी मिली.

इस स्टडी में यह भी देखा गया कि कोरोना की वजह से स्ट्रोक के मरीजों की मृत्यु दर भी बढ़ी है. कोरोना संक्रमण से पहले ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में मृत्यु दर 8 फीसदी थी. वहीं कोरोना महामारी आने के बाद यह दर बढ़ कर 11.9 फीसदी तक हो गई. डॉक्टर रोहित के मुताबिक स्ट्रोक के साथ कोरोना होने पर मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है.

एम्स के ही एक और न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर एम वी पदमा ने भी ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण को बेहद चिंताजनक बताया. उन्होंने बताया कि भारत में हर साल 18 लाख ब्रेन स्ट्रोक के मामले सामने आते है. जिसमें से 25% मामले 40 साल से कम उम्र के लोगो के सामने आ रहे है. इसका कारण युवाओं में स्ट्रेस, स्मोकिंग और अल्कोहल का बढ़ता चलन है. ऐसे में यंगस्टर्स को अपने हेल्थ पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

डॉक्टर पदमा ने यह भी बताया कि अभी इस पर स्टडीज चल रही है. देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भी आंकड़ों को जुटाया जा रहा है. इसलिए हम अभी फौरी तौर पर ऐसा नहीं कह सकते हैं कि कोरोना होने से स्ट्रोक आने के चांस बढ़ गए हैं. हालांकि कोरोना के साथ ब्रेन स्ट्रोक होने पर मरीजों की मौत के मामले जरूर बढ़ गए हैं.

मेडिकल जर्नल लैंसेट ग्लोबल हेल्थ के एक अध्ययन के मुताबिक 2019 में ब्रेन स्ट्रोक से देश में 6.99 लाख लोगों की मौत हुई, जो देश में कुल मौतों का 7.4 प्रतिशत है. भारत में साल 2019 में हुई कुल मौतों में ब्रेन स्ट्रोक तीसरी बड़ी वजह रहा

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