जिस कार्यक्रम में साधु, संत और महंत शामिल नहीं होते, वो एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं होता है : नयनाबा

जामनगर , 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बीजेपी जोर शोर से से तैयारी कर रही है और राम मंदिर के सहारे एक बार फिर देश की सत्ता पर काबिज़ होने का सपना देख रही है और पूरी ताकत से इस दिन को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास कर रही है।

वहीं इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों का आरोप है बीजेपी राम मंदिर के नाम पर राजनीति कर रही है. वहीं कांग्रेस ने 22 जनवरी को उद्घाटन समारोह में शामिल होने से भी इंकार कर दिया है, जिस पर देश की सियासत गरमा गई है. जिसका असर गुजरात में भी देखने को मिला है.

गुजरात में ननद और भाभी एक बार फिर से आमने सामने आ गई हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं जामनगर से बीजेपी की विधायक रिवाबा जडेजा और उनकी ननद नयनाबा की, जिनके बीच इस मुद्दे को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है. कांग्रेस के निमंत्रण पत्र ठुकराने पर रिवाबा जडेजा का कहना है कि ये करोड़ों भारतीयों की आस्था का विषय है, जिसका इंतजार सालों से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. उन्हें राजनीति से दूर रखना चाहिए. रिवाबा ने कहा कि भगवान श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव होने वाला है ऐसे में सभी को खुशी के साथ भगवान राम का स्वागत करना चाहिए.

भाभी की ये बात उनकी ननद नयनाबा को रास नहीं आई. कांग्रेस नेता नयनाबा ने भाभी की बात पर प्रतिक्रिया दी है, हालांकि इस दौरान उन्होंने रिवाबा का नाम नहीं लिया. नयनाबा ने कहा कि आप छोटी काशी में रहते हैं. आपको धर्म का कोई ज्ञान नहीं है. ऐसे में संस्कार और धर्म की बात आपको शोभा नहीं देती. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमें आपसे भक्ति और संस्कार सीखने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जब राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा उसके बाद कांग्रेस से सभी लोग भगवान के दर्शन करने चले जाएंगे.

इसके साथ ही कांग्रेस नेता नयनाबा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में रिवाबा जडेजा और रविंद्र जडेजा को आमंत्रित करने पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को निमंत्रण भेजा जा रहा है वो बीजेपी के ही लोग हैं. कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए वहां सिर्फ बीजेपी के नेता और उनके ही लोग रहेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि जिस कार्यक्रम में साधु, संत और महंत शामिल नहीं होते, वो एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं होता है.

गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से कांग्रेस ने इनकार कर दिया है. कांग्रेस ने कार्यक्रम के निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है. इस मामले को लेकर बीजेपी और उसके घटक दाल कांग्रेस की काफी आलोचना कर रहे है.

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