फाइजर/बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज संक्रमण के खिलाफ 95.6 प्रतिशत तक प्रभावी, अध्ययन में आया सामने

नई दिल्ली, भारत कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में 100 करोड़ पार का लक्ष्य हासिल कर लिया है. इस बीच एक अध्ययन में सामने आया है कि फाइजर/बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज संक्रमण के खिलाफ 95.6 प्रतिशत तक प्रभावी है. वैक्सीन निर्माताओं के मुताबकि, कोविड-19 के खिलाफ फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन की तीसरी खुराक उन लोगों की तुलना में 95.6 फीसदी प्रभावकारी है, जिन्हें बूस्टर नहीं मिला है.

 

फाइजर-बायोएनटेक ने गुरुवार को तीसरे चरण के परीक्षण के परिणामों की घोषणा की, जिसमें एमआरएनए-आधारित फाइजर-बायोएनटेक कोविड-19 वैक्सीन की प्राथमिक श्रृंखला में 30-Μg बूस्टर खुराक की प्रभावकारिता और सुरक्षा का मूल्यांकन किया गया था. कपनी ने एक बयान में कहा, “16 साल और उससे अधिक उम्र के 10,000 प्रतिभागियों ने बूस्टर डोज परीक्षण में भाग लिया. परीक्षण में प्रतिभागियों में आधे को 30-Μg बूस्टर खुराक दी गई, जबकि बाकी आधे प्रतिभागियों को एक प्लेसीबो मिला. शोधकर्ताओं ने बूस्टर खुराक समूह में पांच कोविड-19 मामलों की पहचान की, जबकि प्लेसीबो समूह में 109 मामलों की पहचान की गई.”

 

इस अध्ययन में बूस्टर ट्रायल के पहले परिणाम की घोषणा की गई, जिसमें वैक्सीन की तीसरी डोज ने अनुकूल सुरक्षा मुहैया कराया है. फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौर्ला ने कहा, “ये परिणाम बूस्टर के लाभों के और सबूत प्रदान करते हैं, क्योंकि हमारा मकसद लोगों को इस बीमारी से अच्छी तरह से सुरक्षित रखना है.” कंपनी ने बयान में कहा कि प्रारंभिक परिणाम नियामक एजेंसियों के साथ जितनी जल्दी हो सके शेयर किए जाएंगे.

 

कई देशों ने पहले ही लोगों में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कोविड-19 बूस्टर डोज को मंजूरी दे दी है, जिन्हें पहले टीकाकरण हो चुका है. हालांकि, कुछ अध्ययनों के मुताबिक, कुछ महीने बाद इसका प्रभाव कम हो सकता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में संघीय खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने सितंबर में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन की तीसरी खोराक के लिए मंजूरी दे दी थी.

 

यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (EMA) ने अक्टूबर की शुरुआत में 18 से अधिक उम्र के लिए बूस्टर डोज को मंजूरी दी, जिससे राष्ट्रीय नियामकों को यह तय करने की इजाजत मिल गई कि कौन से समूह पहले पात्र होंगे. वहीं इजराइल में अधिकारियों ने 12 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए बूस्टर डोज लगाने की मंजूरी दी है.

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