लखनऊ से दुधवा नेशनल पार्क तक का सफर हुआ आसान, जानिए कितने कम किराए में एसी बस की सुविधा

लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए ऐसे रूटों पर भी बस संचालन शुरू कर रहा है जहां पर यात्रियों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

परिवहन निगम ने लखनऊ से गौरीफंटा (दुधवा नेशनल पार्क के पास) के बीच वातानुकूलित जनरथ बस सेवा की शुरुआत की है. यात्री कम किराया चुकाकर एसी बस से लखनऊ के कैसरबाग से बलरामपुर होते हुए ये सफर पूरा कर सकते हैं. कैसरबाग से गौरीफंटा के लिए यात्रियों को सिर्फ 457 रुपए किराया चुकाना होगा.

परिवहन निगम प्रशासन ने पहली बार यात्रियों की मांग पर लखनऊ से गौरीफंटा के बीच अवध डिपो की एसी जनरथ बस सेवा शुरू की है. यह बस रोजाना कैसरबाग बस स्टेशन से शाम पांच और छह बजे गौरीफंटा के लिए रवाना होगी. वापसी में गौरीफंटा से सुबह पांच और साढ़े पांच बजे लखनऊ के कैसरबाग के लिए रवाना होगी. यह बस दोनों दिशाओं से बलरामपुर और पलिया होते हुए आवागमन करेंगी. लखनऊ से गौरीफंटा के बीच 251 किलोमीटर की दूरी एसी जनरथ बस (टू बाई टू) पांच घंटे में पूरी करेगी. इसके लिए यात्रियों को 457 रुपये किराया चुकाना होगा. यात्रियों को एडवांस में सीटों की बुकिंग कैसरबाग बस स्टेशन के काउंटर से करा सकेंगे. अवध बस डिपो के एआरएम सत्य नारायण चौधरी ने बताया कि अगली बस जनरथ बस सेवा कैसरबाग से संर्पूणानगर वाया खजुरिया के बीच चलाने की योजना है. इसके लिए शीघ्र ही समय सारिणी, किराया जारी किया जाएगा.

लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की कंडम बसें चालक परिचालकों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है. बसों की संख्या लगातार कम होने से चालक परिचालकों की दिनचर्या पर असर पड़ रहा है. उनकी इनकम कम हो गई है जिससे उनके सामने दिक्कतें पैदा हो रही हैं. नई बसें अभी आई नहीं और पुरानी बसों को रूट से हटा दिया गया. इससे दो दशक से तैनात संविदा ड्राइवर-कंडक्टरों की दिक्कतों में इजाफा हुआ है. जिन रूटों पर 10 सिटी बसें चल रही थी, उनमें से पांच बसें हटा दी गई. ऐसे सात रूट हैं जहां सिटी बसों का संचालन 50 फीसदी से कम हो गया. बस रूट पर नहीं जाने से बस चालक और परिचालक बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें डयूटी मिलनी बंद हो गई है. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से एक चिट्ठी सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी को दी गई है, जिसमें अध्यक्ष महेंद्र सिंह और मंत्री गोविंद कुमार ने संयुक्त रूप से कहा है कि गोमतीनगर और दुबग्गा सिटी बस डिपो पर चालक-परिचालकों का शोषण हो रहा है. ड्यूटी पर आने के बावजूद सुबह से शाम तक बसें उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. इससे तमाम चालक परिचालकों का वेतन ही नहीं बन रहा है. ऐसे में उनके सामने बड़ी समस्या आई है कि आखिर वे करें भी तो क्या करें.

 

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