भूस्खलन से एक बस और अन्य वाहनों के चपेट में आ जाने से दो लोगों की मौत 40 से अधिक लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका

शिमला, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को हुए भूस्खलन में एक बस और अन्य वाहनों के चपेट में आ जाने से दो लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।

राज्य आपदा प्रबंधन बल के निदेशक कुमार मोखता ने बताया कि बचाव अभियान के शुरुआती घंटों में कम से कम 10 लोगों को घायल अवस्था में मलबे में से निकाला गया और पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। साथ ही बताया कि दो लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन किन्नौर के चौरा गांव में दोपहर से ठीक पहले हुआ। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य विधानसभा को बताया कि ऐसी खबरें हैं कि मलबे के नीचे 50 से 60 लोग दबे हुए हैं लेकिन सही संख्या मालूम नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को लेकर ठाकुर से बात की।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किन्नौर में हुए भूस्खलन के चलते बनी स्थिति पर बात की। प्रधानमंत्री ने जारी बचाव अभियानों में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।’

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए ठाकुर से बात की। गृह मंत्री ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को राहत एवं बचाव कार्यों में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया है।

ठाकुर ने कहा कि गृह मंत्री ने उनसे बात की है और फिलहाल शीर्ष प्राथमिकता मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने और उन्हें बेहतर इलाज देने की है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस और कई अन्य वाहन मलबे के नीचे दबे हुए हैं।

उन्होंने बताया कि बस के चालक और परिचालक को चोटें आई हैं और वे इस स्थिति में नहीं हैं कि यात्रियों की सही-सही संख्या बता सकें।

ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और स्थानीय पुलिस राहत अभियान के लिए मौके पर पहुंची हुई है। उन्होंने बताया कि सेना के एक अधिकारी ने भी उन्हें मदद देने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बचाव कार्य के लिए हेलिकॉप्टर की भी व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि भूस्खलन उस वक्त हुआ जब इलाके में बारिश नहीं हो रही थी।

 

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