UP Investors Summit 3.0 : प्रदेशवासियों के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर या पिछली बार की तरह सिर्फ जुमलेबाजी

लखनऊ, पिछले इन्वेस्टर समिट की तरह कहीं इस बार भी उद्योगपतियों द्वारा  की गई निवेश की घोषणाएं जुमला ना साबित हो अगर इस बार बात करें UP Investors Summit 3.0: की तो योगी आदित्यनाथ सरकार की तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी कुल 80,224 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भूमिपूजन हुआ, जिसमें सर्वाधिक प्रोजेक्ट्स गौतमबुद्ध नगर के हाथ लगे हैं।

गौतमबुद्ध नगर यदि अकेले 45,529.29 करोड़ रुपये की परियोजनाएं न समेट लेता तो इस बार निवेश के तराजू में पूरब और मध्यांचल का पलड़ा पश्चिम से ज्यादा हल्का न होता।

औद्योगिक विकास के लिए समग्रता में हुए प्रयास के आंकड़े बताते हैं कि एक हजार करोड़ से अधिक निवेश वाले जिलों में यदि 57 प्रतिशत निवेश के साथ गौतमबुद्ध नगर है तो दूसरे स्थान पर मध्यांचल का लखनऊ और तीसरे नंबर पर पूरब का गोरखपुर है। गाजियाबाद की बारी इसके बाद आती है।

तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी ने संदेश दिया है कि औद्योगिक विकास की नींव प्रदेश के लगभग हर जिले में पड़ी है। कम और ज्यादा के अंतर को सिर्फ गौतमबुद्ध नगर ने ही सबसे ज्यादा बढ़ाया है। चूंकि, डेटा सेंटर की ज्यादातर परियोजनाओं के लिए निवेशकों ने इसी जिले पर नजरें जमाई हैं, इसलिए कुल 80,224 करोड़ रुपये में से 56.75 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे ज्यादा 45529.29 करोड़ रुपये का निवेश गौतमबुद्ध नगर में हो रहा है। वहां 238 निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है।

दूसरे स्थान पर लखनऊ है, लेकिन अंतर काफी ज्यादा है। राजधानी में कुल निवेश 4460.88 करोड़ रुपये में 45 प्रोजेक्ट हैं। यदि लखनऊ सहित बाकी सभी जिलों की कुल निवेश राशि को जोड़ लिया जाए तो वह गौतमबुद्ध नगर में हो रहे 45529.29 करोड़ के सापेक्ष सिर्फ 34695 करोड़ रुपये तक ही पहुंच रही हैं। एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले जिलों में गोरखपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़, सीतापुर, मथुरा, बरेली और पीलीभीत हैं।

एक हजार से अधिक निवेश वाले जिले

  • जिले – परियोजनाएं – निवेश राशि
  • गौतमबुद्ध नगर – 238 – 45529.29
  • लखनऊ – 45 – 4460.88
  • गोरखपुर – 47 – 2828.86
  • गाजियाबाद – 204 – 2168.00
  • अलीगढ़ – 63 – 1900.86
  • सीतापुर – 7 – 1339.28
  • मथुरा – 81 – 1260.92
  • बरेली – 56 – 1255.99
  • पीलीभीत – 3 – 1203.00
  • (नोट- निवेश राशि करोड़ रुपये में है।)

अब देखने वाली बात होगी कि इस तीसरे एक इन्वेस्टर्स समिट में होने वाली घोषणाओं का नाम आम जनता को मिलेगा उसके लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे या नहीं या फिर पिछली बार की तरह इस बार भी तमाम योजना है सिर्फ दिखावा या जुमला साबित होंगी।

Related Posts