उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड संबंधी खबरों को बताया झूठी और भ्रामक, स्पष्ट किया कि वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है

नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश में इस समय राशन कार्ड निरस्तीकरण की खबर जोर-शोर से चल रही है. हर जगह चर्चा है कि अगर अपात्र लोगों ने अपना राशन कार्ड नहीं कटवाया तो उनसे जांच के बाद रिकवरी की जायेगी.

हालांकि रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रिकवरी को लेकर चल रही खबरों को भ्रामक बताया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से रविवार को ट्वीट करके कहा गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र राशन कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है. रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं।

सरकार ने कहा कि विभाग सदैव पात्र कार्डधारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन राशन कार्ड निर्गमित करता है. एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नवीन राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए हैं. प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने व उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है.

पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में 07 अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे, जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. वहीं राशन कार्ड के निरस्तीकरण को लेकर कई जिलों के अधिकारियों का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यहां तक कि कई मीडिया संस्थान ने राशन कार्ड के निरस्तीकरण की खबर भी चला दी है. अब सरकार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है.

राशन कार्ड सरेंडर की खबर झूठी

योगी सरकार ने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने जैसी भ्रामक व तथ्यों से परे खबरों का आधारहीन प्रचार हो रहा है. सरकार की ओर से आगे कहा गया कि सरकारी योजना के अन्तर्गत आवंटित मकान, विद्युत कनेक्शन, एकमात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन/गोपालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है.।

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