वडोदरा, बेटा कुछ दिन और रुक जाते… इतना कह, यमन व्यास की मां की आंखों में आंसू आ गए. मां के आंसुओं को देख यमन के हाथों से बैग छूट गए और कदम वहीं थम गए. यमन व्यास उन खुशकिस्मत लोगों में से एक हैं, जिन्होंने अहमदाबाद में क्रैश हुई एयर इंडिया की फ्लाइट में टिकट बुक करा रखी थी, लेकिन विमान में सवार नहीं हुए और उनकी जान बच गई. यमन अपनी मां की वजह से बच गए. अगर यमन की मां उन्हें रुकने के लिए नहीं बोलतीं, तो शायद आज यमन का नाम भी हादसे के शिकार हुए लोगों की लिस्ट में शामिल हो सकता था.
यमन कई सालों से यूके में वर्क परमिट पर काम कर रहे हैं. वह लंदन में एक वेयरहाउस में काम करते हैं. लगभग दो साल बाद यमन अपने घरवालों से मिलने के लिए वडोदरा आए थे. कुछ दिनों तक यमन वडोदरा में रुके अपने सगे-संबधियों और यार-दोस्तों से मिले. 12 जून को यमन ने वापसी का टिकट कटवा लिया था. यमन ने वीजा से लेकर टिकट तक सभी जरूरी कागजात तैयार कर लिये थे. तय था कि यमन 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट से लंदन लौट जाएंगे. यमन के लंदन लौटने का समय आया तो उनकी मां बेहद भावुक हो गईं.
यमन लंदन से 2 साल बाद घर आया था और अगले एक साल तक उसके फिर से लौटने की कोई प्लानिंग नहीं थी. ऐसे में यमन की मां को एक साथ तक बेटे से दूर रहने का गम सता रहा था. मां के मन के ये भाव यमन के घर से बाहर जाने से पहले जुबान पर आ गए. मन दुखी था, तो आंखों से आंसू बहने लगे. मां ने कहा- ‘थोड़ा दिवस रोकाई जा ने, बेटा यानि कुछ दिन और रुक जाओ, बेटा.’ मां की आंखों में आंसू देख यमन का मन भी भर आया. इस बीच यमन के पिता ने भी कहा कि कुछ दिन बाद चले जाना. ऐसे में यमन ने फैसला किया कि वह आज लंदन वापस नहीं जाएगा. यमन ने अपना टिकट कैंसल करवा लिया.
दोपहर को यमन के पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उसने सुना कि वो प्लेन क्रैश हो गया है, जिसमें उसे लंदन जाना था. इस विमान में सवार सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बच पाया है, बाकी सभी मारे गए हैं. ऐसे में यमन को अहसास हुआ कि मां के आंसुओं ने उसकी जान बचा ली. मां ने यमन को एक तरह से दूसरा जन्म दिया है.