छाप रहे थे नकली नोट, एस ओ जी ने किया भंडाफोड़, दो हुए गिरफ्तार

जयपुर, स्पेशन आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जयपुर में गोनेर रोड स्थित महिमा कोपल अपार्टमेंट के 51 नंबर फ्लैट में नकली नोट छापने का कारखाना पकड़ा है। एसओजी ने मशीन जब्त करने के साथ ही दो युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों से छपे हुए 500-500 के 1147 और 200-200 के 37 नोट बरामद किए । टीम को फ्लैट से कुल 5 लाख 80 हजार 900 रुपये थे । नोट छापने के काम आने वाले अन्य उपकरण भी बरामद किए गए हैं। जब्त किए गए नकली नोट हूबहू असली नोट की तरह ही दिखाई दे रहे हैं। जिनमें वॉटर मार्क आरबीआई थ्रेड व संख्या का भी अंकन है । एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़़ ने बताया कि आरोपितों में बृजेश मौर्या (28) निवासी ग्वालियर का है ।

वहीं दूसरा आरोपित प्रथम शर्मा (19) जयपुर के नाहरगढ़ रोड़ स्थित मोहन नगर का है। यह कार्रवाई मंगलवार देर रात 2 बजे महानिरीक्षक शरत कविराज के नेतृत्व में की गई। वहीं ग्वालियर पुलिस द्वारा नकली नाेट के साथ गिरफ्तार किए गए लवडू प्रसाद और यूसुफ खान काे न्यायालय में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया है। जबकि रूसी करकुल्ला काे जेल भेज दिया गया है।

नकली नोट के साथ पकड़े गए लवडू प्रसाद और यूसुफ खान को पुरानी छावनी थाना पुलिस ने बुधवार को न्यायालय से पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया है। वहीं रुसी करकुल्ला को जेल भेज दिया है। अब दोनों आरोपितों को पुलिस यूपी व बिहार लेकर जाएगी। यूपी की गोरखपुर जेल में दिलशेर खान बंद है, जिसने लवडू प्रसाद को साढ़े तीन लाख रुपये विशाखापट्नम में दिए थे, क्योंकि दिलशेर खान ही बिहार के मास्टरमाइंड राजेंद्र तिवारी से सीधे जुड़ा है। राजेंद्र तिवारी गोरखपुर में अपने गुर्गों से नकली नोट का काम आपरेट कराता है।

गौरतलब है कि पुरानी छावनी थाना पुलिस ने बदनापुरा के राहुल को पकड़ा था, जिसके बताने पर रुसी करकुल्ला पुलिस के हाथ लगा था। सब इंस्पेक्टर अजय सिरकवार का कहना है कि कई दिनों तक मेहनत करने के बाद रुसी के बताने पर लवडू प्रसाद हाथ लगा और उसके बाद यूसुफ पकड़ में आया था। इनसे पुलिस ने दो लाख 28 हजार के नकली नोट बरामद किए थे।

पुलिस के अनुसार रुसी करकुल्ला और लवडू एक साथ मुंबई में मर्चेंट नेवी में काम करते थे। लवडू बेल्डर का काम करता था और रुसी फिटर का। यह दोनों अरब जाने के सिलसिले में दिलशेर खान से जुड़े, क्योंकि दिलशेर लोगों को रोजगार के लिए अरब भेजने का काम करता था। जब यह दोनों दिलशेर के संपर्क में आए थे। कोरोना काल में लाकडाउन चल रहा था तो दिलशेर ने लवडू को नकली नोट के धंधे से जोड़ दिया।

लवडू और रुसी जब इस धंधे में आए तो उन्हें नकली नोट का सैंपल देखने कोलकाता बुलाया गया। जहां नकली नोट का सैंपल यूसुफ ने दिखाया था। यूसुफ से 25 हजार रुपये में एक लाख के नकली नोट लेना तय हुआ। जिसका भुगतान उन्होंने कोलकाता में कर दिया। दो दिन बाद उन्हें विशाखापट्नम में नकली नोट की डिलीवरी मिल गई थी।

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