नई दिल्ली, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने आईफोन का पासवर्ड ED के अधिकारियों को नहीं बता रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों ने एप्पल कंपनी से संपर्क किया है।
ED के अनुसार शराब घोटाले male में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के साथ जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
यही कारण है कि लगभग इतने दिन तक कस्टडी में रहने के बावजूद अधिकारियों को उनके एप्पल मोबाइल तक पहुँच नहीं मिल पाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम केजरीवाल के मोबाइल का लॉक खुलवाने के लिए अधिकारियों ने एप्पल कंपनी से संपर्क किया है।
ईडी को इलेक्ट्रॉनिक सबूत के रूप में मुख्यमंत्री केजरीवाल का कोई निजी कंप्यूटर या डेस्कटॉप नहीं मिला। हालाँकि, उनका मोबाइल सहित चार सेलफोन जब्त किए गए हैं। इनमें उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का मोबाइल भी शामिल है। 21 मार्च 2024 की रात को उनकी गिरफ्तारी के समय उनके आवास से लगभग 70,000 रुपए पाए गए थे। हालाँकि, इस रकम को जब्त नहीं किया गया था।
सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद अपना आईफोन बंद कर दिया है और उसका पासवर्ड प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के साथ साझा नहीं किया है। पूछताछ के दौरान केजरीवाल ने कहा कि उनके मोबाइल के डेटा और चैट से ईडी को AAP की ‘चुनावी रणनीति’ और चुनाव पूर्व गठबंधनों के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, माना जाता है कि ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के आईफोन से डेटा निकालने के लिए फोन के निर्माता ऐप्पल से आधिकारिक तौर पर संपर्क किया था। हालाँकि, कंपनी की तरफ से अधिकारियों को बताया गया है कि आईफोन के किसी भी डेटा को फिर से प्राप्त करने के लिए उसका पासवर्ड आवश्यक है।
पूछताछ के दौरान अरविंद केजरीवाल ने ED को बताया कि यह आईफोन लगभग एक साल से उनके पास है। उन्होंने यह भी बताया कि साल 2020-2021 में शराब नीति का मसौदा तैयार करने के दौरान वे जिस मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे, वह फोन अब उनके पास नहीं है। वहीं, सुनीता केजरीवाल के मोबाइल का एक्सेस अधिकारियों को मिल गया है और उसका डेटा भी निकाल लिया गया है।
ED के अधिकारी अरविंद केजरीवाल से रोजाना पाँच घंटे तक पूछताछ कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भी मामला दर्ज है। ऐसे में सीबीआई भी अरविंद केजरीवाल की रिमांड की माँग कर सकती है, चाहे वो न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में ही क्यों ना हों।
दरअसल, ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर नई शराब नीति के माध्यम से धन शोधन करने और अवैध रूप से 100 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। इसमें से 45 करोड़ रुपए का इस्तेमाल गोवा में आम आदमी पार्टी (AAP) के 2021-22 के चुनाव अभियान के लिए किया गया था।
हिरासत के दौरान अरविंद केजरीवाल का सामना जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पूर्व पीएस सी अरविंद से भी कराया गया। रिमांड अर्जी में आरोप लगाया गया है कि सी अरविंद को सीएम केजरीवाल के आवास पर शराब नीति पर मंत्री समूह की रिपोर्ट का मसौदा सौंपा गया था। केजरीवाल के सामने सी अरविंद के अपने बयान को दोहराया।
इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल को इस मामले से जुड़े एक-दो व्यक्तियों से और सामना कराया गया है। हालाँकि, अधिकारियों ने इन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया है। में केजरीवाल को इस मामले का मुख्य आरोपित बताया गया है। इस मामले में अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसोदिया और AAP सांसद संजय सिंह भी जेल में बंद हैं।