अहमदाबाद, गुरुवार दोपहर को हुए भीषण विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 टेकऑफ के महज 30 सेकेंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
हादसे में अब तक 240 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि दो यात्रियों के चमत्कारिक रूप से जीवित बचने की खबर सामने आई है। इनमें से एक घायल यात्री रमेश विश्वास कुमार का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह अपने भाई की तलाश की गुहार लगाते नजर आ रहे हैं।
संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड के निवासी बताए जा रहे रमेश विश्वास कुमार अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जा रहे थे। वह विमान की सीट 11A पर बैठे थे। हादसे के बाद सामने आए वीडियो में रमेश के चेहरे पर गंभीर जख्म दिख रहे हैं और वह लंगड़ाते हुए घटनास्थल से बाहर निकलते नजर आते हैं। रमेश ने बताया, “टेकऑफ के करीब 30 सेकेंड बाद अचानक जोर की आवाज आई और सब कुछ हिल गया। जब मुझे होश आया, तब मेरे आसपास सिर्फ लाशें थीं। प्लेन के टुकड़े बिखरे हुए थे। कोई आया और मुझे उठा कर एम्बुलेंस में डाल दिया।” दूसरे व्यक्ति की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है।
मेरा भाई जिंदा है या…
रमेश का कहना है कि उनका भाई भी उन्हीं के साथ विमान में सफर कर रहा था, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। उन्होंने भावुक होकर लोगों से अपील की, “कृपया मेरे भाई को ढूंढने में मेरी मदद करें। मैं नहीं जानता वह जिंदा है या…” उनकी आवाज इस वाक्य के साथ भर्रा गई।
240 लोगों की मौत और 2 ही बचे जिंदा
एयर इंडिया के इस बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे। यात्री सूची के अनुसार, इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक थे। विमान दोपहर करीब 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ा और 2 मिनट बाद ही 1:40 पर मेघानीनगर क्षेत्र में एक इमारत से टकरा गया।
कई डॉक्टरों की मौत
हादसे की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विमान जिस इमारत से टकराया, वह अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का रेजिडेंशियल क्वार्टर था। हादसे के वक्त वहां लगभग 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे, जिनमें से 15 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कई अन्य को हल्की चोटें आई हैं। इसके अलावा कुछ की मौत भी हो गई।
जले हुए शवों की पहचान मुश्किल
रेस्क्यू टीमों ने बताया कि मौके पर मिले ज्यादातर शव बुरी तरह से झुलस चुके हैं। कई शवों की हालत इतनी खराब है कि उनकी पहचान फोरेंसिक जांच और डीएनए टेस्ट के जरिए ही संभव हो पाएगी। प्रशासन ने मृतकों की शिनाख्त के लिए एक विशेष हेल्पलाइन और राहत केंद्र की स्थापना की है। इस हादसे के बाद गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया।