योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट किया पेश, जानिए बजट की 10 बड़ी बातें

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में राज्य के लिए 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया।

इस दौरान वित्त मंत्री ने जनता के लिए तमाम योजना की घोषणा की। इस बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर सभी जिलों में उत्पादों को बढ़ावा देने, फिल्म सिटी की स्थापना करने, मुफ्त गैस कनेक्शन, गरीब लोगों को फ्री राशन देने और किसानों को आर्थिक सहायता देने जैसी तमाम घोषणाएं की। योगी सरकार 2.0 के पहले बजट की क्या खास बातें हैं पढ़ें 10 बिंदुओं में…

1- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में

  • हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। इसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है।
  • दस्तक कार्यक्रम इस सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप एईएस/जेई से प्रभावित सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी आई है।
  • सिक एण्ड न्यूबॉर्न करते हुये सरकार अधिक बच्चों की केयर यूनिट्स के विस्तार पर ध्यान केन्द्रित ने पिछले पाँच वर्षों में प्रति वर्ष एक लाख से मृत्यु को रोका है।
  • सरकार कुपोषण के मुद्दों को दूर करने पर भी ध्यान केन्द्रित कर रही है और 203 ब्लॉक स्तरीय केन्द्रों को बढ़ावा देकर कुपोषण पुनर्वास केन्द्रों को जिलों से ब्लॉक तक ले जाने के लिये बजटीय प्रावधान किया जा रहे हैं।
  • कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ / प्रभावित हुये बच्चों के भरण – पोषण , शिक्षा , चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु माह – जून, 2021 से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन किया जा रहा है।

2- वाराणसी और गोरखपुर को मिलेगी मेट्रो की सौगात
वाराणसी और गोरखपुर में मेट्रो रेल शुरू करने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पुलिस के आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

3- 15 हजार सोलर पंपों की स्थापना होगी
सुरेश खन्ना ने कहा कि 2022-23 में 15 हजार सोलर पंपों की स्थापना होगी। लघु सिंचाई के लिए 1 हजार करोड़ रुपये। सभी 1535 थानों पर महिला वीट का गठन किया गया।

4- महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था
प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है। महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के आवाहन में यूपीएसईई 2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप और 100 टॉपर एससी/एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया।

5- किसानों को 42 हजार 565 करोड़ ट्रांसफर किए
प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना दिसम्बर 2018 से संचालित है। योजना के तहत 2.55 करोड़ किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्मय से 42 हजार 565 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितम्बर 2019 से लागू की गई है।

6- 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। वर्ष 2021 2022 में 99.80 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया गया है। वर्ष 2022-2023 में 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य है।

7- बाबू जी कल्याण सिंह स्ट्रीट लाइट योजना शुरू होगी
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बाबू जी कल्याण सिंह स्ट्रीट लाइट योजना शुरू होगी। निराश्रित महिला पेंशन बढ़ाकर 1000 रुपये की गई। दिव्यांग भरण पोषण राशि बढ़ाकर 1000 रुपये की गई। संत पुरोहितों के लिए बोर्ड के गठन के लिए 1 करोड़, लघु सिंचाई योजना के लिए 1000 करोड़ और कोविड में अनाथ बच्चों के लिए 4 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है।

8- बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ का बजट
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कॉरिडोर के किनारे विकास कार्य होंगे। बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ का बजट रखा गया है। वृद्धावस्था पेंशन 500 से बढ़ाकर 1000 की गई है। 14 मेडिकल कॉलेजों को 2100 करोड़ का बजट रखा गया है।

9- मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 695 करोड़
मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 695 करोड़ का बजट है। पीडब्लूडी की सड़कों के लिए 18500 करोड़ का बजट रखा गया है। काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ के बजट की व्यवस्था रखी गई है। बाढ़ नियंत्रण के लिए 2700 करोड़ का बजट रखा गया है। नमामि गंगे में जल जीवन मिशन को 19500 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।

10- सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर दिया विशेष ध्यान
उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। इसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है। दस्तक कार्यक्रम इस सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसके परिणामस्वरूप सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी आई है। सिक एंड न्यूबॉर्न करते हुए सरकार ने पिछले पांच साल में प्रति वर्ष एक लाख से ज्यादा मृत्यु को रोका है।

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