अखिलेश यादव के करीबी अफसरों पर योगी सरकार की गिरेगी गाज, शुरू होगा तबादलों का दौर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार 2.0 अलग तेवर में दिखाई दे रही है। जहां एक ओर माफियाओं तथा बदमाशों पर बुलडोजर की गति तेज है तो वही बड़े अधिकारीयों पर कार्रवाई का सिलसिला भी आरम्भ हो गया है।

बृहस्पतिवार को सोनभद्र के कलेक्टर तथा गाजियाबाद के SSP को डायरेक्ट निलंबित कर दिया गया। जिले के सबसे बड़े अधिकारीयों पर की गई सस्पेंशन की इस कार्रवाई से नौकरशाही में अफरा-तफरी है। लापरवाही बरतने वाले शहरों के कप्तान कलेक्टर से लेकर विभागीय अपर मुख्य सचिव तक दहशत में है कि जरा सी चूक कहीं कुर्सी ना ले जाए।

 

योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोनभद्र के कलेक्टर रहे टीके शिबू तथा गाजियाबाद के SSP पवन कुमार को निलंबित कर दिया। आधिकारिक रूप से टीके शिबू के सस्पेंशन के पीछे जो कारण कारण गया वह था जिले में अवैध खनन, निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत और पिछले विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अफसर के तौर पर लापरवाही। दरअसल सोनभद्र में शासन को चुनाव से पहले ही अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त हो रही थी। जिले में गिट्टी की खदानों से अवैध खनन के माध्यम से वसूली की खबर सरकार को लगातार प्राप्त हो रही थी। वहीं दूसरी ओर पीडब्ल्यूडी व अन्य निर्माण एजेंसियों के द्वारा करवाए जा रहे कामों में भ्रष्टाचार तथा कमीशन खोरी भी जारी रही। इसी बीच चुनाव की घोषणा हो गई, आचार संहिता लग गई तो सोनभद्र के कलेक्टर टीके शिबू जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में काम करने लगे।

 

चुनाव के समय भी टीके शिबू की लापरवाही उजागर हुई। खुले में बिना सील किए पोस्टल बैलट का वीडियो सोशल मीडिया पर बादल हुआ तो जिले में सियासी हंगामा आरम्भ हो गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में टीके शिबू के किरदार पर सवाल खड़े हुए। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विंध्याचल मंडल के कमिश्नर को लगाना पड़ा था। नई सरकार गठित हुई तो सोनभद्र एक जनप्रतिनिधियों ने सीधे से इसकी शिकायत सीएम से की, कई अन्य सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों से भी भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई थी तत्पश्चात, कलेक्टर सोनभद्र टीके शिबू को निलंबित किया गया तथा विभागीय जांच के आदेश देते हुए वाराणसी कमिश्नर को जांच दे दी गई।

 

टीके शिबू के बाद गाजियाबाद के SSP भी 4 घंटे में निलंबित कर दिए गए। 2009 बैच के IPS पवन कुमार पर अपराध नियंत्रण में लापरवाही तथा जिले में पुलिस के भीतर बड़े भ्रष्टाचार की शिकायत पर निलंबित किया गया, किन्तु जिस मामले के कारण पवन कुमार बर्खास्त हुए वह था 5 दिन पहले गाजियाबाद के डासना क्षेत्र में पेट्रोल पंप कर्मी से 25 लाख की लूट। बेखौफ अपराधियों ने दिनदहाड़े लूट की घटना को अंजाम दिया। असलहों से लैस अपराधियों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई

 

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस तस्वीर के सहारे यूपीकी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। वही चेन स्नेचर, वाहन चोरों पर चल रहा ऑपरेशन लंगड़ा तथा दूसरी ओर 25 लाख की लूट का अपराधी अदालत में आत्मसमर्पण कर गया यह सरकार को नाकाबिले बर्दाश्त हुआ तथा पवन कुमार निलंबित कर दिए गए। इन दो अधिकारीयों से पहले यूपी के 4 IPS अधिकारीयों के भी तबादले किए गए जिसमें 2 नामों को लेकर सबसे अधिक चर्चा हुई। पहला नाम एडीजी नवनीत सिकेरा जिनको PTS उन्नाव भेजा गया, दूसरा नाम DIG धर्मेंद्र सिंह जिनको DIG आरटीसी चुनाव बनाकर भेजा गया। वहीं दूसरी ओर नई सरकार ने भी ऐसे अधिकारीयों की लिस्ट बनाई है तो माना जा रहा है कि जल्द कुछ और IAS तथा IPS के साथ-साथ बड़े अधिकारी तबादला या कार्रवाई की जद में आएंगे।

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